Sunday 25 June 2017

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 2017-18 में होगा 51 लाख घरों का निर्माण

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 2017-18 में होगा 51 लाख घरों का निर्माण
केंद्र सरकार ने अब ग्रामीण आवास योजना पर कुछ ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है, इसलिए प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण के तहत वर्ष 2017-18 के भीतर 51 लाख घरों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस योजना के तहत 2019 तक 1 करोड़ घरों का लक्ष्य रखा गया है। सरकार ने अब घरों के निर्माण की अवधि को 18-36 महीनों से घटाकर 6-12 महीनों तक लाने का निर्णय लिया है।
सूत्रों के मुताबिक, 2016-17 में लगभग इस योजना के तहत लगभग 32 लाख घरों का निर्माण हुआ जबकि मार्च 2016 में समाप्त वर्ष में 18 लाख घरों का निर्माण हुआ था। प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण को पुरानी इंदिरा आवास योजना का नाम बदलकर नवंबर 2016 में शुरू किया गया था। नयी योजना के तहत केंद्र सरकार ने वित्तीय सहायता राशि को दोगुना कर दिया है और PMAY-G के तहत घर के क्षेत्र में भी वृद्धि कर दी है।
संशोधित योजना के तहत करीब 7 महीने में लगभग 10000 घरों का निर्माण किया गया है। अधिकारियों के मुताबिक, धन के गलत इस्तेमाल को रोकते हुए निर्माण में गति लाना सरकार का मुख्य लक्ष्य है। इस योजना के तहत बनाए गए घरों की तस्वीरें समय, तारीख और स्थान के साथ संलग्न की जाए ताकि सत्यापन प्रक्रिया आसान और तेज हो सके।
SECC-2011 के आंकड़ों के मुताबिक, सरकार ने 3.92 करोड़ बेघर परिवारों का में सर्वेक्षण किया है जिनमें से 2.26 करोड़ लोग इस योजना के लिए योग्य पाए गए हैं। PMAY-G योजना के तहत अगले 7 सालों में 3 करोड़ घरों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है।
केंद्र सरकार ने 2017-18 में PMAY-G के कार्यान्वयन के लिए 15000 करोड़ रुपये निर्धारित किये हैं। इस योजना के तहत वित्तीय लाभ को भी 75,000 से 1.20 लाख रुपए से बढ़ा दिया गया है और क्षेत्रफल को भी 22 वर्ग मीटर से 25 वर्ग मीटर कर दिया गया है। यह योजना स्वच्छ भारत अभियान से जुड़ी होगी जिसके तहत शौचालय के निर्माण के लिए 12000 रूपए की अतिरिक्त राशि प्रदान की जायेगी।
इसके अलावा, इस योजना के तहत मनरेगा के तहत 90/95 दिनों की मजदूरी का प्रावधान भी है, जिससे कि हर लाभार्थी परिवार को लगभग 18000 रुपए का लाभ मिलेगा।

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